The Border Race

इस विजय दिवस जैसलमेर में The Border का हिस्सा बनिए!

आप किसी जगह घूमने क्यों जाते हैं? अगर ईमानदारी से जवाब ढूंढें जाएं, तो अवेयरनेस, एक्सपीरियंस, नॉलेज, कल्चर, ट्रेडिशन, साईट सीइंग, सेल्फ़ी, फेसबुक फोटोज़ और न जाने क्या क्या चीज़ें लिस्ट में आ जाएंगीं। अब अगर हम आपको ये बोलें कि हमारे पास जैसलमेर जैसा शहर और उसकी वैल्यूज़ एक्सपीरियंस करने का एक सॉलिड बहाना और यूनीक मौका है तो क्या आप गेस कर पाएंगे?
जैसलमेर गाथाओं का शहर है – रेत में सनी ऐसी गाथाओं का जिन्होंने न सिर्फ इस जिले बल्कि एक पूरे मुल्क़ को सबसे वल्नरेबल मोमेंट्स में उठ खड़े होने की हिम्मत, बुद्धि और ताकत दी है. भागदौड़ की इस ज़िन्दगी में अपनी कहानियों की वैल्यू शायद हमने कम कर दी है. लेकिन, दौड़ भाग कर ही सही, हर जमाने में कुछ बेहद पागल लोग हुए हैं जो इन कहानियों, इन वैल्यूज को जीने, याद रखने और अपनी अगली जेनरेशन तक पहुँचाने का ज़िम्मा उठाते आए हैं. हम बात कर रहे हैं भारत भर में घूम घूम कर रेस ओर्गनइज़ करने वाले कुछ बन्दों की जो इस बार फ़िर जैसलमेर में ‘विजय दिवस’ के मौके पर एक ‘गदर’ रेस ऑर्गनाइज़ कर रहे हैं — नाम है The Border!
अब क्योंकि हमें भी न्यौता मिला है और हम जा भी रहे हैं, हमें लगा कि आपको भी इसके बारे में बता कर जाना चाहिए। बिना किसी कॉन्टेक्स्ट के अगर हम लाइव आकर कुछ दिखाने या बताने लगे तो थोड़ा आॉकवर्ड लगेगा। तो एक लिस्टिकल टाइप आइडिया दे रहे हैं! बाकी आप खुद The Hell Race के YouTube चैनल पर The Border के पिछले साल की वीडियो देख सकते हैं.

The Border  – ये जैसलमेर का हेल रेस है!

The Hell Race वाले बन्दे बिलकुल नाम के हिसाब से ही रेस बनाते हैं. कभी मनाली से लेह दौड़ाते हैं, कभी स्टॉक कांगड़ी समिट तक! एक रेस है – The Budhha Trails जिसमें लोग सिक्किम में माउंट एवेरेस्ट और कंचनजंगा देखते हुए दौड़ते हैं. खैर ये वाली Hell Race जैसलमेर में है. नाम दिया गया है The Border, क्योंकि रेस शुरू होती है जैसलमेर शहर से और खत्म होती है लोंगेवाला बॉर्डर पर. वही बॉर्डर जहाँ के बारे में आपने बॉर्डर फिल्म देखी है।

रेस का इंस्पिरेशन और डेडिकेशन, दोनों बैटल ऑफ़ लोंगेवाला की हमारी जीत है

जहाँ मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी की 120 लोगों की कंपनी ने रेगिस्तान की कंप कंपाती रात में तीन हज़ार ‘फ़ुट सोल्ज़र्स’ और 40 टैंक्स का सामना किया और जंग जीती। The Border रेस इसी जंग और जीत का जश्न मनाने के लिए ऑर्गनाइज़ किया जाता है।

2019 में यह विजय दिवस पर हो रहा है!

2018 में The Border पहली बार ऑर्गनाइज़ किया गया था। इस साल, 2019 में ये रेस विजय दिवस के मौके पर ख़त्म होगी। 15 दिसंबर की सुबह 6 बजे से The Border की अलग अलग कैटेगोरीज़ की रेस जैसलमेर वॉर मेमोरियल से स्टार्ट होने वाली है। आर्मी की बैटल एक्स डिवीज़न और कोणार्क कॉर्प भी इस रेस का हिस्सा हैं. 16 तारीख को रेस की अवार्ड सेरेमनी के दौरान आर्मी के कुछ प्रोग्राम्स भी हैं – “विजय दिवस वाले!” विजय दिवस की वजह से ही, इस बार मेन रेस (सौ किलोमीटर और सौ मील वाली) की स्टार्ट और फ़िनिश को उल्टा कर दिया गया है – मतलब 100 किलोमीटर और सौ मील वाली रेसेज़ लोंगेवाला बॉर्डर से शुरू होकर जैसलमेर वॉर मेमोरियल पर ख़त्म होंगी – जहाँ सारा प्रोग्राम होना है.

सौ मील, तीस घंटे – दोपहर 12 बजे से

दो दिन के इस इवेंट में 10 किलोमीटर, हाफ मैराथन, फुल मैराथन, 100 किलोमीटर और 100 मील की रेसेज़ होने वाली हैं। 100 किलोमीटर और 100 मील वाली मेन रेस है. रेगिस्तान में दोपहर 12 बजे से 30 घंटे तक कुछ बंदे रात भर भागेंगे! बाकी की रेस की डिटेल्स ये रहीं:

The Hell Race Categories at The Border
The Border रेस की कैटेगरी

रेस देखना बिल्कुल फ़्री है, इसमें हिस्सा लेना फ़्री नहीं है!

टिकट्स

The Border रेस  की टिकट्स आप यहाँ से खरीद सकते हैं!

अच्छा ये तो हो गई रेस की जानकारी। अगर आप ख़ुद को एथलीट मानकर रोज़ ट्रेन करते हैं, तो हम तो कहेंगे कि चलिए, भाग लीजिए! मज़ा आएगा! हम आपकी भी फ़ोटो खींच देंगे! अब आपको ये बता दें कि रेस देखने के लिए या इसमें भागने के लिए आपको कहाँ और कैसे आना है:

दिल्ली को अगर बेस पॉइंट माना जाए, तो ट्रेन के दो ऑप्शन हैं –

  • रूणिचा एक्सप्रेस – दिल्ली से साढ़े 5 बजे खुलती है, आपको जैसलमेर 12 बजे तक उतार देगी। वैसे 18 घंटे 20 मिनट का रास्ता है, स्लीपर की टिकट 440 रूपए की है.
  • रानीखेत एक्सप्रेस – सुबह 4:40 बजे चलती है दिल्ली से, अट्ठारह घंटे पैंतालीस मिनट में जैसलमेर पहुँचती है. आप रात के 12 बजे तक पहुँच जाओगे।

दिल्ली से डेली एक फ्लाइट उड़ती है, डायरेक्ट जैसलमेर के लिए!

दिल्ली-जैसलमेर की कोई बस राजस्थान परिवहन निगम नहीं चलाती है। आप दिल्ली से जोधपुर और जोधपुर से जैसलमेर का सीन सेट कर सकते हैं. बस रेस की टाइमिंग का ध्यान रहे.

अभी तक तो हमें भी इतना ही पता है. बाकी, आईडिया ये है कि रेस, लोंगेवाला बॉर्डर, वॉर मेमोरिअल सब देखा जाएगा! जैसलमेर शहर और किले भी घूमने जाएंगे। वापस आकर आपको कहानी सुनाएंगे और फिल्म भी दिखाएंगे – The Border की.

जानिए बॉर्डर फ़िल्म वाले मंदिर की कहानी

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