We started the trek with an aim of finishing it within 3 days from Aru valley and there was no better feeling than finishing it within the target time. A trek that is otherwise sold commercially as a 7-day trek, could be so well explored within 3 days. We will be sharing the detailed travelogue in some time. Do let us know of your queries and questions if you are planning to go for the Tarsar Marsar Lake Trek.
JAMMU KASHMIR के किस्से
सुबह अपना कैमरा उठाया और गांव में घूमने निकल पड़े. गांव के सभी घर, घाटी की एक साइड, थोड़ी-ऊंचाई पर बसे हुए थे. सामने वाला पहाड़ पेड़ों का घुप्प जंगल था. बढ़िया धूप खिली हुई थी और गांव के लोग अपने खेतों में जाने की तैयारी कर रहे थे. घाटी से एक नाला होकर निकलता है, जो आगे नीरू धारा में जाकर मिलता है. नीरू धारा भदरवाह टाउन से होते हुए डोडा जाकर चेनाब नदी में मिल जाती है. हमने इसी नाले के साथ साथ ऊपर की ओर चलना शुरू कर दिया. रास्ते में कई लोग अपनी भेड़- बकरियों के साथ जाते दिखे, हम भी इन्हीं के साथ साथ चलते गए, बातें करते गए. कई लोग अपने परिवारों और अपने बैलों के साथ खेतों में काम कर रहे थे. सुबह की धूप और हवा में मिट्टी से उठती खुशबु घुलकर ऐसे चढ़ रही थी कि चलने का अलग ही सुर बन चुका था. हम लोग फ़ोटो खींचते, रुकते, चले जा रहे थे.
जम्मू बस स्टॉप से पहले हमने भदरवाह के कोई डायरेक्ट बस देखी — अगर मिल जाती तो डोडा से नहीं बदलनी पड़ती. पर जम्मू से हमें डोडा के लिए ही बस मिली! जम्मू कश्मीर की लोकल बसों में घूमना जरूर बनता है. HRTC से एकदम अलग एक्सपीरियंस है. यहाँ की बसें, बसें कम, रंग बिरंगे, सजे हुए ट्रक ज़्यादा लगते हैं. और इनमें सफ़र करने वाले लोग, बस अब क्या ही बताया जाए!
कार्निवाल शायद धीरे धीरे सीप इन कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि अब तक जो कुछ सीखा है, जितना जाना है और जितना आता है – सब कुछ इस ट्रिप के लिए ही है. अपने रामायण में भी तो दोनों भाईयों की लर्निंग्स को अयोध्या काण्ड में ही टेस्ट किया गया है. क्या ये हमारी ट्रिप का अयोध्या काण्ड चल रहा था?
लास्ट मंडे जाते जाते हमने आपको Kashmir Great Lakes की ideal itinerary दी थी। वैसे तो कुछ भी करने का सबका अपना अपना तरीका और ताम झाम होता है, फिर भी किसी और के एक्सपीरियंस से अगर कुछ सीखने को मिल रहा हो तो सीखने में कोई हर्ज़ नहीं करना चाहिए। बताने को तो काफी है, जैसे आपको क्या करना चाहिए और कैसे करना चाहिए और यह भी बता सकते हैं कि हमने क्या किया था और कैसे किया था। अगर किसी एक चीज़ पर फ़ोकस करेंगे तो दूसरी वाली पीछे रह जाएगी, इसलिए दोनों का एक बैलेंस्ड मिक्स लिखने की कोशिश कर रहे हैं। हम बस इतना कहना चाहते हैं कि जाइए, ज़रुर जाइए पर उस डेस्टिनेशन या ट्रेक की कुछ वाइटल इनफार्मेशन जाने बिना नहीं और कश्मीर के ग्रेट लेक्स ट्रेक के लिए तो इस प्रॉब्लम को हम सॉल्व किये देते हैं अभी।
एक अनदेखे, अनकहे और अनसुने गोल की तरफ़ हम निकल पड़े थे। तय यह हुआ था कि जो लीग बाहर वाले परफॉर्मर्स होंगे, उनके खर्चे का कुछ हिस्सा हम उठाएंगे ताकि उनके लिए एक मोटिवेशन भी रहे और कम्फर्ट भी – अब कहाँ पैसे होते हैं अपने इण्डियन आर्टिस्टों के पास। पर पैसे तो हमारे पास भी नहीं थे। और अगर हम किसी और को आर्टिस्ट मन रहे थे तो खुद को क्यों न मानें?
जब लिखने बैठे तो शुरुआत में बस दो चार अल्फ़ाज़ इधर उधर कर पाए और एक बार फिर से कश्मीर को धरती का जन्नत कहते कहते रुक से गए। फिर हमें लगा कि आपको वह कश्मीर बताते हैं जिसे न तो ख़ुसरो ने देखा होगा और एक मुग़ल बादशाह के वहां जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। हम बात कर रहे हैं कश्मीर में ट्रेकिंग की — ख़ास तौर पर Kashmir Great Lakes Trek की।
जब तक सरकार या आर्मी की ओर से कोई ऑफिसियल स्टेटमेंट नहीं आ जाता है तब तक बैठिये, मिल कर सियाचिन ग्लेशियर जाने के सपने देखते हैं. सपने से याद आया के साल्तोरो रिज पर खड़े हो कर कराकोरम रेंज को देखने का सपना तो हम भी देख रहे है. उस दिन का इंतज़ार रहेगा!
From Markha valley Trek to the infamous Chadar Trek, we would certainly bet on Ladakh being one of the best trekking destinations of India. We thought about sharing some of the best treks in Ladakh that you could pick up to explore and really understand why ‘it’ is what ‘it’ is!
जो सियाचिन देखने के सपने देखते थे, उनसे लेकर जो बस सियाचिन को देश प्रेम झाड़ने का ज़रिया मानते हैं, उन तक — कल शाम से सियाचिन जाने के कितने सपने सजते चले गए. साथ ही, हर मुद्दे और पहल पर डिबेट करने का राष्ट्रीय रोज़गार भी शुरू हो गया – कितना सही है, कितना गलत है से लेकर ग्लोबल वार्मिंग के असर तक – इतना ज्ञान पेला जा रहा है कि हमने सोचा कि चलो थोड़ा पढ़ा जाए और जाना जाए कि आखिर सीन है क्या सियाचिन का. तो सबसे पहले ये पता किया गया कि सियाचिन है क्या, कहाँ है, क्यों है और फिर ये सारा बवाल समझ आया. तो जो हमारी समझ में आया, वही आपसे शेयर कर रहे हैं।
A Brief Introduction of Pangong Tso Pangong Tso, one of the most famous tourist destinations in Ladakh, is situated a bit south from east of Leh. Pangong Tso Lake, is an endorheic lake in the Himalayas situated at a height of about 4,350 m (14,270 ft), refers to the grassland lake in Tibetan Language. Standing in stark contrast to the surrounding barren grey mountains, Pangong Lake changes shades of Blue and Green with the rising sun. extending beyond the border of India and China, Pangong Lake is 5 kms wide at its widest point and is about 163 km in […]
कुछ रोज़ पहले बातल वाले चाचा चाची और हमारी कुछ बातें आप लोगों के साथ शेयर की थी। उन के साथ एक फोटो भी है जिसमें हम और चाचा चाची साथ में है। उस फोटो को देख के पता नहीं कैसे पर विनुता जोरापुर एकदम सही पकड़ लिए, कि जब भी हम पहाड़ों में होते है तो हम खुश होते है, और इस बात पे कोई दो राय भी नहीं है क्योंकि हम क्या आप भी, हम तो कहते है सब ही होते है। पर कभी गौर नहीं किया होगा कि इस चीज़ की वजह क्या है शायद आसमानों में […]
करीब दो महीने पहले मैंने फैसला लिया कि इस बार लेह-लद्दाख के सफ़र पर जाऊंगा. फ़िल्मों में दिखने वाले लद्दाख के पहाड़ों, झील, नदियों और खूबसूरत रास्तों को अपनी आंखों से देखने की तमन्ना थी. सितंबर में मैंने अपनी ये ख़्वाहिश पूरी की. मैं ये ज़रूर कहूंगा कि लद्दाख की ट्रिप मेरी जिंदगी के यादगार लम्हों में से एक बन गया. मैं अपनी इस यात्रा के कुछ खास पलों को आप सबके साथ बांटना चाहता हूं. हो सकता है कि ये आपकी अपनी लेह-लद्दाख की यात्रा को प्लान करने में कुछ मदद कर सकें. तो पहुंच गए हम लेह … […]
The culture of Ladakh, the people of Ladakh, the monasteries of Ladakh and the Homes of Ladakh – Leh has it all to give you a hint of how grand and magnificent is this region which has recently become the 9th Union Territory of Indian State. Read to know about some of the must-visit places in Leh and around.
Le Ladakh: ये कहानी है एक किस्से की! हमारे आपके समय से कोसों दूर, दुनिया से अलग एक दुनिया बसती है. यहाँ समय घड़ी को मोहताज़ नहीं है. स्थिर है. मानों ध्यान लगाए बैठा है. या शायद किसी सफर में है. इस किस्से का सफर एक अनंत की यात्रा है. ये किस्सा एक कहानी का है. पढ़िए बाल काण्ड का दूसरा पार्ट !
ट्रिप की प्लानिंग स्टेज में ही हमारी शुरुआत सर्प्राइज़ के साथ हुई। अभी तो पहाड़ पहुंचे ही थे। हफ़्ते भर की यात्रा तो अभी होनी थी, और एक हफ़्ते की ट्रिप में कितने ‘सर्प्राइज़’ हो सकते हैं — हम फिर कह रहे हैं, आपको, हमको, किसी को नहीं पता। हफ़्ते का ट्रैवल आपको बहुत कुछ दिखा सकता है। पढ़िए, ट्रिप मनाली कैसे पहुँच गई? पार्ट 3 पढ़िए!
Let us take you through what these permits are, why does one need them and how can you easily get one!
2 ट्रेलर रिलीज़ करने का प्लान है – एक एक्सपेडिशन और एक कार्निवाल का.
पहला ट्रेलर ये रहा!
और फिर दिवाली पर रिलीज़ होंगे पहले सेट ऑफ़ एपिसोड्स!
लर बनाते बनाते हमने पिछले 3 हफ़्तों में आपके साथ कुछ टीज़र्स शेयर किया है, अपने YouTube चैनल पर. क्योंकि ये ट्रेलर अलग अलग दिन और अलग अलग चीज़ों की स्नीक पीक है, तो हमें लगा कि ट्रेलर आने से पहले आपको एक बार ये टीज़र्स एक जगह दिखा दें. देखिए और कुछ ठीक-ठाक लगे तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब ज़रूर कीजिएगा.
तुरतुक में अपना एक घर है, वैसे तो असद भाई का घर है पर अब उसका छोटा सा हिस्सा उन्होंने हमें चिल्ल करने को दिया है और हमने उसे अपना बना लिया. तो खारदुंग ला की बर्फ़ से बच के निकल कर दिस्कित वाले बुद्धा जी को दूर से सलाम मारते हुए हम पहुँच गए थे सीधा तुरतुक. तुरतुक वैसे तो एक छोटा सा गाँव है, पर है कतई खूबसूरत.
We got a chance to talk to Mohith about his walk from Manali to Khardung La and tried to know what is it actually that drives young Indians like him to take up traveling as a means of self-exploration. Read on the full conversation:
On our recent expedition to Ladakh, we happened to drop by at this village called Turtuk. Often referred to as the last frontier of North India, Turtuk was into Pakistani Occupation till the Indo Pak war of 1971. With whatever time we had to spend in Turtuk, we gathered all the info we could. Here, take a look:
ये कहानी है एक किस्से की! भारत के उत्तर में, हिमालय के पश्चिम की. हमारे आपके समय से कोसों दूर, दुनिया से अलग एक दुनिया बसती है. यहाँ समय घड़ी को मोहताज़ नहीं है. स्थिर है. मानों ध्यान लगाए बैठा है. या शायद किसी सफर में है. इस किस्से का सफर एक अनंत की यात्रा है. ये किस्सा एक कहानी का है. पढ़िए बाल काण्ड!
कुछ 5 TB डेटा में से ये बता पाना कि क्या रखना है क्या नहीं रखना है एक बेहद ही कुतार्किक, बेफ़ज़ूल और दिमाग खराब करने वाली प्रक्रिया है और आजकल हम इस प्रक्रिया से निरंतर गुज़र रहे हैं – गुज़र क्या, बह रहे हैं.
The music soared high with every strum on the guitar and what a morning it could be – birds fluttered around, wind danced to the strums and trees felt pampered. We thanked the nature for all – for mountains, for the Himalayas, for snow, for birds, for trees, for wind, for music, for ourselves – for almost everything that we could. Before we left, we did gather all the info we could about Gulmarg. Here, take a look at things to know about Gulmarg in this Gulmarg Guide before heading up to this snow resort town in Kashmir Valley.
On our recent expedition to Ladakh, we happened to drop by at this village called Turtuk. Often referred to as the last frontier of North India, Turtuk was into Pakistani Occupation till the Indo Pak war of 1971. The consequences of this war changed the lives of the people in Turtuk overnight. The entire territory along with its people following the culture of Baltistan became Indians. Also Check Out: The Villages of Spiti Valley (Part 1) Before we go on to start the Turtuk Village photo blog, here are a few basics that you should know before you decide to […]
“The biggest adventure you can take is to live the life of your dreams.”– Oprah Winfrey We believe, we are made of our dreams; the ones which we have fulfilled and the ones that ignite the soul. And it is for the realization of these very dreams that we have decided to chase them, quite literally, on a one-of-its-kind journey. Come June 15, 2019 and we set off on a 13-days self-supported expedition to Ladakh from Delhi through as many as 9 high mountain passes, 5 rivers and 4 states. However, lately, the reports stating the impact of mass tourism […]
जो भाई लोग स्पीती होकर आए हैं, वो इस वाले पोस्ट ऑफ़िस को ज़रूर जानते होंगे. देखते ही बता देंगे कि भई हिक्किम है यह तो और जो तस्वीर में है, वह है दुनिया का highest पोस्ट ऑफ़िस – समुद्र तल से 14,567 ft की ऊँचाई पर। जिन्हें नहीं पता और जो passes खुलने की बाट जोह रहे हैं, उनके लिए –