HIMACHAL के किस्से

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Kangra Heritage Ultra Race Banner

Ready to Conquer Kangra? Things to Know About the Heritage Ultra Marathon 2024

Yo, ultrahumans and history buffs, listen up!Ditch the super-high altitudes, extremely technical climbs, overcrowded start lines, and selfie booths, ’cause Vrattanta Endurance is back with an inaugural edition of the Kangra Heritage Ultra. This 100-kilometre ultramarathon is here to provide you with a simple yet demanding adventure through its course of climbs and downhills. Nestled in the majestic views of the mighty Dhauladhar of Kangra, this for sure ain’t your average ultra-marathon, and yet it will bring you back happy and evolved at its finish line. At the KHU, ladies and gentlemen, they’re talking ancient heritage, epic landscapes, and pushing […]

BAWRAY BANJARAY AT LAGOM STAY IN MANALI

MONSOON IN MANALI – बर्फ़ की सफ़ेदी, वंडरलस्ट के दिखावे और हनीमून की गर्माहट से दूर एक ‘चिलम’यी दुनिया

संजोग और समय के इस अलौकिक चक्र में हम बावरे बंजारे इसी संभाव के साक्षी थे! बर्फ़ की सफ़ेदी, वंडरलस्ट के दिखावे और हनीमून की गर्माहट से दूर, इस चिलमयी दुनिया में, हमारे और हिमालय के इस हिस्से के बीच, शोर, शान्ति और समन्वय का जो संभाव बना न — बस उसी का नाम मनाली है !

Himachali Homestays For Work From Mountain Feels | BAWRAY BANJARAY HOMES

महामारी फैल रही है और ट्रैवल खुल रहा है। महीनों से अपने अपने शहरों में कैद जनता में भड़क बैठ चुकी है, और इस बात में कोई दो राय भी नहीं होनी चाहिए। इजी एंट्री ऑपरेशनल होते ही, मनाली और ऐसे दूसरे हॉटस्पॉट्स में जो तांडव होना है, उसका वर्णन वन्डरलस्ट की हिस्ट्री के लिए एक्सर्प्ट का काम करेगा। पिछले कई दिनों से आप सब ने हमारे इन्बॉक्सेज़ में चरस बो रखी है — “कोई घर है बढ़िया, 5 – 6 महीनों के लिए?” उधर आपके वर्क फ्रॉम होम का ऐलान हुआ और आपदा को अवसर में बदलने की ठाने आप हमारे इनबॉक्स में पहुँच गए! तो इतने सारे मेसेजेज़ को रिप्लाई करने की जगह, हमने सोचा कि एक लिस्ट कम्पाइल करके वेबसाइट पे टाँग देते हैं!

ये रहे कुछ ऐसे अड्डे, जहाँ आप कोरोना की भसड़ से दूर, शांति से एकाध महीने तो रह ही सकते हैं! हर पते के साथ घर के होस्ट के कॉन्टैक्ट डिटेल्स भी हर घर या अड्डे की डिस्क्रिप्शन में है. आप अपनी सुविधा अनुसार हमसे जान पहचान का इस्तेमाल कर इन घरों पर गेस्ट बनकर पधार सकते हैं!

Dharamshala Diaries from Bawray Banjaray

आइलैंड हंटिंग इन धर्मशाला| BAWRAY BANJARAY ट्रैवलॉग्स | पद्दर गांव

तरुण गोयल साहब की ‘सबसे ऊंचा पहाड़’ और माउंट त्रिउंड की चढ़ाई के अलावा धर्मशाला से हमारी कुछ ख़ास जान पहचान तो अब तक नहीं हुई थी! मेन सिटी से 15 मिनट की दूरी पर धौलाधार की छांव में तीन चार दिन चिल करने का आईडिया था! ऊपर से खबर ये थी कि कैंप लगाने की जगह एक आइलैंड पर किसी पहाड़ी नदी किनारे है!

असंख्य बांसों के छाए में पली बढ़ीं कढ़ी पत्तों की खुशबू में धर्मशाला की अलग पहचान लेकर हम इस ट्रिप से वापस लौटे – एक और नई ट्रिप प्लान करने के लिए! आपको हमारी ये वाली ट्रिप कैसी लगी, हमें कमैंट्स सेक्शन में ज़रूर बताईयेगा! अपना और अपनों का ध्यान रखें, स्वस्थ रहे, खुश रहे! हम मिलते हैं आपसे बावरे बंजारों की अगली वीडियो में!

Bawray Banjaray on Hampta Pass Trek

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | भाग – 11

कोरोना के होने से पहले ही हमने क्वारंटाइन लाइफ कैसी होती है, इसका टीज़र देख लिया था. हमें तब पता नहीं था कि इसे ‘क्वारंटाइन होना’ कहेंगे। हमप्ता के बालू घेरा बेस कैंप पर पचपन घंटे बारिश में फंसने के बाद अपना झोला उठाकर वापिस मनाली के लिए निकल लिए।

Bawray Banjaray on trek to Hampta Pass

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | भाग – 10

“भाईजी, सामने पहाड़ की वो चोटी देख रहे हैं, वो न जाने कितनी सदियों से यहां है! पहाड़ पार करने वाले कितने लोग आते-जाते रहे हैं, पर ये पहाड़, ये चोटियां, कहीं नहीं गई हैं. ये यहीं रहे हैं,और यहीं रहेंगे. मेरी सलाह लें तो आप अगली बार फिर आना, थोड़ा जल्दी, और कामना करके आना कि उस बार मौसम कि कृपा आप पर रहे और आप हमप्ता की यात्रा पूरी कर पाएं.” — ‘सार’ के ये भारी शब्द कहते हुए चंद्रा भाई ने हमें बालू घेरा से वापस रुख़सत किया.

balu ka ghera campsite during hampta pass trek

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | पार्ट – 9

यहां से अपने को सामने वो पहाड़ दिख रहा था जिसके पार जाना था. मन तो था कि बिना रुके निकल लें, शाम को सीधा लाहौल, छतरू पहुंचे और वहीं रात बिताकर अगले दिन काजा से आती पहली बस में बैठकर ही मनाली पहुंच जाएंगे। पर अपने साथ दो पंटर और थे, उनको ये प्लान थोड़ा कम सूट करता। इस करके हमने यहीं रुकने का मन बना लिया और अपना टेंट यहीं रॉकी भाईजी की दूकान के करीब गाड़ दिए. अब इंतज़ार बस अगली सुबह का था, और फिर अपन लोग हमप्ता के उस पार होंगे।

अयोध्या काण्ड – ल लद्दाख की कहानी (पार्ट 4)

कार्निवाल शायद धीरे धीरे सीप इन कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि अब तक जो कुछ सीखा है, जितना जाना है और जितना आता है – सब कुछ इस ट्रिप के लिए ही है. अपने रामायण में भी तो दोनों भाईयों की लर्निंग्स को अयोध्या काण्ड में ही टेस्ट किया गया है. क्या ये हमारी ट्रिप का अयोध्या काण्ड चल रहा था?

Icy roads of Winter Spiti

विंटर में स्पीति ट्रिप – A Bawray Banjaray Guide

स्पीति वैली के लोगों की लाइफ तो मुश्किल है ही, ट्रैवेलर्स के लिए यहाँ पहुँचना उससे भी ज़्यादा डिफ़ीकल्ट है, ख़ास कर के सर्दियों में। जब नवंबर दिसंबर में बर्फ पड़ना शुरू होती है और रोहतांग के साथ साथ कुंजुम ला भी बंद हो जाता है, सर्दियों में स्पीति पहुंचने का सिर्फ एक रास्ता रह जाता है! हिंदुस्तान-तिब्बत हाईवे पर सतलुज नदी का पीछा करते हुए किन्नौर से आगे निकल कर स्पीति और सतलुज के संगम पर सतलुज छोड़ के स्पीति के साथ हो लेने वाला ये रास्ता ही विंटर स्पीति एक्सपेडिशन्स की मार्केट चलाता है.

The temple of Malana Village

मलाणा गाँव – मिथ, पॉपुलिज़्म या बकैती?

अब आप इस गाँव में रात में नहीं रुक सकते – ऑफिशियली! गाँव के शाशन तंत्र ने ऐलान किया है, अपने प्यारे जमलू ऋषि के नाम पर! वैसे ये अच्छा ही है – कुछ तो बकैती कम हुई. धंधा वैसे बराबर ही चल रहा होगा! ऐसी सेंसिटिव जियोग्राफी में इतने सारे लोगों को इतना ज़्यादा टाइम स्पेंड करना कहीं से भी सही नहीं था. टूरिज़्म इंड्यूस्ड कूड़ा भी बढ़ ही रहा था. खैर, आप ही डिसाइड करिए कि ये मिथ है या पॉपुलिज़्म या बकैती!

Jose on Le Ladakh Expedition in MOre Plains with Bawray Banjaray

अयोध्या काण्ड – ल लद्दाख की कहानी (पार्ट 3)

एक अनदेखे, अनकहे और अनसुने गोल की तरफ़ हम निकल पड़े थे। तय यह हुआ था कि जो लीग बाहर वाले परफॉर्मर्स होंगे, उनके खर्चे का कुछ हिस्सा हम उठाएंगे ताकि उनके लिए एक मोटिवेशन भी रहे और कम्फर्ट भी – अब कहाँ पैसे होते हैं अपने इण्डियन आर्टिस्टों के पास। पर पैसे तो हमारे पास भी नहीं थे। और अगर हम किसी और को आर्टिस्ट मन रहे थे तो खुद को क्यों न मानें?

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | पार्ट – 7

देखो रास्ता तो वही लोग खोज सकते हैं जो भटके हैं , जिनको भटकने की खबर नहीं उनको मंज़िल से क्या! पिछले दिन मनाली के चक्कर में हम लोग जादुई बालकनी से नीचे उतर आए. नीचे उतर कर भी नज़ारे कम नहीं थे हमारे लिए. ब्यास नदी के किनारे-किनारे वशिष्ठ से मनाली का एक गोल चक्कर लगाया. कसम से ऐसी किसी शाम, शान्ति से मनाली शहर का चककर लगाना भी मन के सुकून के लिए बहुत है. ऐसा नहीं है कि हमारी ही बात आख़िरी है, पर तब भी नज़ारा तो देखो जनाब! दिन भर हल्की-हल्की बूंदा-बांदी के बाद मौसम […]

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | पार्ट – 6

सुबह की शुरुआत तो हमारी जादुई ही होती थी; सामने रोहतांग और नीचे सोलांग-मनाली। पर मनाली में एक ही जगह बैठकर चिल्ल करते हमें दो दिन हो चुके थे. अब हमारे पैरों में खुजली मचने लगी थी.

Bawray Banjaray on trek to Hampta Pass

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | पार्ट – 5

जो हम वशिष्ठ मनाली में कर रहे थे, इसी को हम असल में चिल्ल करना कहते है. अगर जिंदगी का नाम घूमते-रहना है, तो इसे जीने का मतलब और स्वाद तो खाने में ही है. खाना जशन है जिंदगी का. पर हम कितना चिल्ल कर सकते हैं, कितना जशन मना सकते हैं, यह तो हमें खुद नहीं पता था!

Kanchan SIrohi at Bhrigu Lake

भृगु, भसूड़ी और ट्रेकिंग का रोमांच!

हमें इस ट्रेक से जो समझ आया, वो ये था कि हमारी ज़िंदगी भी तो किसी ट्रेक की तरह ही है। मंज़िल तक पहुँचाने के लिए वो हमें तरह-तरह की मुश्किलों से मिलवाते हुए चलती है, पर आपको बस चलते रहने होता है। हर मुश्किल के साथ कुछ न कुछ सीखने को भी होता है। अगर आप मुश्किलों से हार न मान कर डटे रहते हैं तो मंज़िल तक ज़रूर पहुंचते हैं। किसी को प्यार में चाहना ही शिद्दत नहीं होता, शिद्दत हर उस चीज़ में होती है जो आपको ख़ुश करती है! तो, ऐसे काम ज़रूर करने चाहिए जो आपको अंदर से ख़ुश करें। ट्रैव्लिंग उनमें से एक है।

Balcony of Bawaray Banjaray home Vashisht

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | पार्ट – 4

घूमने का नाम है जिंदगी और जिंदगी जीने का नाम है खाना! इसी चिल्ल के चलते मनाली ट्रिप पर दावते इश्क़ चल रहा था एंड वी वर हाई ऑन फ़ूड.

Bawray Banjaray In Baga Sarahan

Camping At Baga Sarahan Meadow – बारिशों में बागा का स्वाद!

भूख लगी थी तो खाने का जुगाड़ करने के लिए बाहर निकलना पड़ा. तब तक बारिश भी थोड़ी मंदी हो चुकी थी. जिन भाई जी ने टेंट लगाने की जगह दी थी उनके घर पर साथ लाई गई मैगी बनवाई और तुरंत खा-पीकर टेंट में सेट हो गए. टेंट पर पड़ती हल्की बूँदों की पट-पट में कब नींद आयी याद नहीं है. अगले दिन सुबह जब बाहर निकलकर देखा तो सीन ये था।

Homestays In Himalaya | Part 1 | Bawray Banjaray Exclusive

कुछ रोज़ पहले बातल वाले चाचा चाची और हमारी कुछ बातें आप लोगों के साथ शेयर की थी। उन के साथ एक फोटो भी है जिसमें हम और चाचा चाची साथ में है। उस फोटो को देख के पता नहीं कैसे पर विनुता जोरापुर एकदम सही पकड़ लिए, कि जब भी हम पहाड़ों में होते है तो हम खुश होते है, और इस बात पे कोई दो राय भी नहीं है क्योंकि हम क्या आप भी, हम तो कहते है सब ही होते है। पर कभी गौर नहीं किया होगा कि इस चीज़ की वजह क्या है शायद आसमानों में […]

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | पार्ट – 3

पहाड़ सुकून हैं कि जूनून, यह जानने हम मनाली से आगे निकल लिए! भाईलोग, बात सीधी-सी है, हम से एक जगह ज्यादा देर नहीं टिका जाता. पहाड़ों में आकर तो खासकर ऐसा होता है. वैसे भी, पहाड़ों में घूमने से कब किसका दिल भरा है. Lagom स्टे से हमारी 15 अगस्त वाली ट्रिप की शुरुआत एकदम लक्ज़री हुई. पिछली रात क्या स्वादिष्ट फिश और मटन बनाया था, साथ में बारिश, बातें और लिटिल-लिटिल पेग, सुरूर बनाने वाले, मज़ा ही आ गया। सुबह उठते ही फिर वो बादलों वाला सीन, जिसने हमारा दिमाग फिरा दिया। तड़के तड़के हम थोड़ा जगतसुख एक्स्प्लोर करने […]

Birds eye view of the shangarh meadow

Snowline Homestay Shangadh – यहाँ से शांघड ग्राउंड का बर्ड्स आई व्यू दिखता है!

घुमक्कड़ी की दुनिया में सैंज वैली आज किसी पहचान का मोहताज़ नहीं है. साल के हर वीकेंड पर आपको यहाँ टूरिस्ट मिल जाएंगे. आज से दो साल पहले एक समय था जब सैंज आने के लिए हमें घंटों इंटरनेट पर खुदाई करनी पड़ी थी. रहने के लिए रोपा में एक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस और घूमने के लिए GHNP का पूरा जंगल. कुछ तीन सालों में आज आलम ये है कि हर गाँव में आपको होमस्टे और कैंपिंग की सुविधा मिल जाएगी. ऐसे में हमने सोचा कि सैंज के हॉटस्पॉट शांघड में आपको एक ऐसे होमस्टे का पता बताएं जहाँ इतनी ऊंचाई पर आप सभी बेसिक एमेनिटीज एक ट्रेडिशनल हिमाचली होमस्टे का एक्सपीरियंस ले सकते हैं.

Bawray Banjaray Team in Sainj Valley

बाल काण्ड – Le Ladakh शुरू होने से ठीक पहले तक

Le Ladakh: ये कहानी है एक किस्से की! हमारे आपके समय से कोसों दूर, दुनिया से अलग एक दुनिया बसती है. यहाँ समय घड़ी को मोहताज़ नहीं है. स्थिर है. मानों ध्यान लगाए बैठा है. या शायद किसी सफर में है. इस किस्से का सफर एक अनंत की यात्रा है. ये किस्सा एक कहानी का है. पढ़िए बाल काण्ड का दूसरा पार्ट !

View from the Lagom Homestay in Manali

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | पार्ट 2

ट्रिप की प्लानिंग स्टेज में ही हमारी शुरुआत सर्प्राइज़ के साथ हुई। अभी तो पहाड़ पहुंचे ही थे। हफ़्ते भर की यात्रा तो अभी होनी थी, और एक हफ़्ते की ट्रिप में कितने ‘सर्प्राइज़’ हो सकते हैं — हम फिर कह रहे हैं, आपको, हमको, किसी को नहीं पता। हफ़्ते का ट्रैवल आपको बहुत कुछ दिखा सकता है। पढ़िए, ट्रिप मनाली कैसे पहुँच गई? पार्ट 3 पढ़िए!

Tribes of Himalaya

देव भूमि हिमाचल के देवता – सामुदायिक रहन सहन का सबसे बेहतरीन धार्मिक उदहारण

मज़ेदार ये है कि ये सभी देवता अपने गावों में ज़िंदा ऋषियों की तरह पूजे जाते हैं. मतलब अपने फॉलोवर्स के लिए ये देवता सोने, जागने, खाने, नाचने और हमारी आपकी तरह नेचर को एन्जॉय करने जैसे सारे काम करते हैं. ये गुस्सा भी होते हैं, नाराज़ भी होते हैं और कभी कभी तो भक्त अपने देवताओं से परिहास भी करते हैं.

Chacha Chachi With BAwray Banjaray

Chaacha – Chaachi Of Spiti Valley | बोध दोरजी और उनकी धर्मपत्नी चंद्रा

हम बात कर रहे हैं बातल के चंद्रा ढाबा के मालिक और स्पिति जाने वाले यायावरों के चहेते – चाचा बोध दोरजी और उनकी धर्मपत्नी चंद्रा की। हम 4 लोगों ने मिल के खूब अंडे और परांठे पेले थे। मतलब समझो कि कुछ 2 घंटे से हम खा ही रहे थे। हाँ, पर साथ-साथ चाचा – चाची से बातचीत भी चल रही थी.

Diyaugi Village near baga Sarahn

डियाउगी गाँव – बागा सराहन के पास एक ऐसा गाँव जहाँ पांडवों का लगाया पेड़ आज भी खड़ा है!

दुनिया की सबसे अद्भुत जगहों में अगर हिमालय को सबसे पहले नंबर पर रखा जाए तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए। इससे ज़्यादा विशाल, विचित्र और महिमा-मई जगह शायद ही आपको दुनिया में कहीं मिलेगी। पर हिमालय सिर्फ़ अपने आकार की वजह से हिमालय नहीं कहलाता और ना ही तो इसके आयाम सिर्फ़ दिखावे तक सीमित हैं। हिमालय तो सदियों से यहाँ रह रहे लाखों-करोड़ों लोगों का वो विश्वास है जो यहाँ की कहानियों में बसता है, दिखता है।

Bawray Banjaray in Ladakh

बाल काण्ड – ये कहानी है एक क़िस्से की

ये कहानी है एक किस्से की! भारत के उत्तर में, हिमालय के पश्चिम की. हमारे आपके समय से कोसों दूर, दुनिया से अलग एक दुनिया बसती है. यहाँ समय घड़ी को मोहताज़ नहीं है. स्थिर है. मानों ध्यान लगाए बैठा है. या शायद किसी सफर में है. इस किस्से का सफर एक अनंत की यात्रा है. ये किस्सा एक कहानी का है. पढ़िए बाल काण्ड!

Bawray Banjaray on trek to Hampta Pass

15 अगस्त वाली ट्रिप – ट्रिपिंग इन टू द हिल्ज़ ऑफ़ इंडियन हिमालय | प्रस्तावना

ट्रिप से हफ़्ते भर सब दिल्ली वाले ठिकाने पर मिलते हैं। ट्रिप पर निकलने से पहले काग़ज़ों पर ठप्पा लगे, उससे पहले, आकस्मिक ही, नया राग अल्पा जाता है।
ओली — “अबे गुरेज़ वैली चलते हैं, इंडिया पाकिस्तान बॉर्डर पर।’”

Sunset over Spiti

Mountains of Spiti Valley: Our Fidus Achates On A 5 Day Road Trip

That moment to the days ahead, these mammoth structures kept moving with us, as if we were the trespassers being chased in their lands. They made it rain! They unleashed storms! And when the cold breeze was not piercing into our face, at times they summoned the sun!

bawray Banjaray at Dal Lake in Srinagar

Indian Rivers And Water Bodies We Have Been To – Bawray Banjaray Photo Blog

कुछ 5 TB डेटा में से ये बता पाना कि क्या रखना है क्या नहीं रखना है एक बेहद ही कुतार्किक, बेफ़ज़ूल और दिमाग खराब करने वाली प्रक्रिया है और आजकल हम इस प्रक्रिया से निरंतर गुज़र रहे हैं – गुज़र क्या, बह रहे हैं.

Tea with view in mountains

वशिष्ट वाला अड्डा – एक जादुई बालकनी का पता

चलिए, पहले तो आपको एक अत्यंत सुंदर शाम का एक अद्भुत नज़ारा दिखाते हैं। फिर बताते हैं उस जादुई बाल्कनी का पता जहाँ से बैठकर आप ऐसे जादुई नज़ारों को घंटो टकटकी लगाकर बदलता देख सकते हैं। हम बात कर रहे हैं अपने एक नए अड्डे की।

Drone view of Homestay In Manali

Lost In The Himalayas Homestay, Vashisht – यहाँ से पूरा वशिष्ट दिखता है!

कहते है कि दोस्ती इस दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत चीज़ है पर एक बात हम आपको बता देते हैं — आप पहाड़ों में घूमने के मुरीद हों और दोस्त अगर पहाड़ी मिल जाए तो फिर क्या ही कहने! 15 अगस्त वाले वीकेंड पर अपने मनाली ट्रिप के पहले दिन तो हम मिलने चले गए थे Lagom Stay, Manali वाले हर्ष भाई के पास – एक दो दिन में हमप्ता पास चढ़ने का प्लान जो था.

Lagom Stay in Jagatsukh is among the best homestays in Manali

Lagom Stay – मनाली की भसड़ से दूर, बिलकुल घर जैसा होमस्टे

15 अगस्त 2019 के बारिश भरे वीकेंड में इस बार हम बैठे थे  मनाली में. एक तो हमप्ता पास ट्रेक करने का सीन था और ऊपर से Lagom Home Stay, Manali वाले हर्ष भाई साहब का भी बुलावा था. हर्ष शिमला के रहने वाले हैं और आजकल मनाली के जगतसुख में अपने कुछ दोस्तों के साथ रहते हैं. घर किराये पर ले रखा है और क्योंकि घर बड़ा है तो इन्होंने यहाँ लाइक माइंडेड लोगों को होस्ट करना शुरू कर दिया – Airbnb की मदद से. Suggested Read: A Hidden Village In Sainj Valley That Sits By The Pundrik Rishi […]

View from The farms of the Upper Neahi village in Sainj valley

A Hidden Village In Sainj Valley That Sits By The Pundrik Rishi Lake

How often do you happen to drop by at a place that literally takes you back in time, or for that matter slows down the pace at which things move otherwise for you? The Great Himalayan National Park in the Sainj Valley nests in it villages that have kept their centuries-old cultures and traditions pretty intact – so much so that the villages still rely on barter and exchange of goods and services for their livelihood and sustainability. While most of the villages are hard to reach, the Upper Neahi Village can be reached after a half an hour trek […]

The Shangarh Meadow and the Shangchul Mahadev Temple

Shangadh Meadow – The Home Of Sangchul Mahadev | Photo Blog

If you are visiting Sainj Valley, a visit to Shangadh Meadow- home to the Deity Sangchul Mahadev is a must. Acres of open green land lends path to an architectural marvel of Sangchul Mahadev Temple. The meadow is a sacred pasture, as legend has it, created by the Pandavas while they were on their agyaatvaasa run. The meadow is used by the cattle of the locals for grazing and is maintained by the devta committee here. When it snows, the meadow remains easily accessible and can easily give Swiss alps a run for their money. Also Check Out: Photo blog […]

Villages Of Spiti Valley: A Bawray Banjaray Guide (Part 2)

The first circuit that we proposed for a trip to the villages in Spiti Valley had Kee, Chicham Khas, Kibber, Gette, and Tashigang. These villages can be visited in a day’s excursion from Kaza – the headquarters of Spiti. To continue, here is the second circuit of villages in Spiti Valley that you can take to explore beyond the majestic landscapes and clouds. Also Check Out: Turtuk Village Photo Blog Langza: The one with the giant Buddha statue Just like Kee village is always in the shadow of Kee monastery, Langza village is overshadowed by the grandeur of the Buddha […]

Kee is one of the most famous villages of Spiti Valley

Villages Of Spiti Valley – A Bawray Banjaray Guide (Part 1)

I have always wondered about those painters who usually get to finish their masterpieces. On my first interaction with the mountains, valleys and people of Spiti Valley, I almost got that rendezvous moment after crossing the mighty Kunjum Pass – the gateway to Spiti Valley. You cross through the rugged snow clad mountains, thundering rivers, barren cold lands and then these tiny dots on the mountain cheeks — the villages of the Spiti valley would appear to you like those last touches of a painter. Rudyard Kipling said about Spiti — “a world within the world” and it certainly is […]

Bawray Banjaray On Trek to Srikhand Mahadev

Shrikhand Mahadev Yatra — दर्शन, दर्पण, अर्पण, सम्मोहन, सशक्तिकरण और समर्पण!

कोई श्रद्धा से, कोई शौक से, कोई सनक में या पागलपन में – हर साल हज़ारों लोग अपने -अपने मकसद और अरमान लिए श्रीखंड महादेव की यात्रा के लिए आते हैं. कुछ दर्शन कर पाते हैं, कुछ रह जाते हैं. 2018 में भी कुछ ऐसा ही हुआ – करीब 12 से 13 हज़ार लोग श्रीखंड दर्शन करने पहुँचे, लेकिन सिर्फ़ दो से ढ़ाई हज़ार लोगों को ही बाबा के दर्शन मिले. हम बहुत ख़ुश-नसीब रहे कि हमें ऊपर मौसम बेहतरीन मिला। फूल जैसी यात्रा रही और दर्शन अलौकिक! श्रीखंड महादेव ट्रैक आसान तो नहीं है पर नामुमकिन भी नहीं ! […]