कैम्पिंग इन हर्सिल – एक बेहतरीन कैंपिंग स्पॉट का जुगाड़

उत्तराखंड में गंगोत्री की तरफ एक जगह है हर्सिल — ऋषिकेश से 215 किलोमीटर, देहरादून से 221 किलोमीटर और दिल्ली से 476 किलोमीटर! रीसेंट टाइम्स में हर्सिल एक बेहद पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन गया है और साल 2018 में हम बावरे बंजारे भी भटकते भटकते इधर पहुंचे। वैसे प्लान तो गंगोत्री चढ़ने का था पर जैसा ट्रिप्स पर हमारे साथ नॉर्मली होता है, इस बार भी पूरा का पूरा प्लान चेंज हो कर हर्सिल में 3 दिन की अड्डेबाज़ी में बदल गया जिस पर हमने 3 एपिसोड्स की एक सीरीज़ बना डाली। Backpacking In Harshil सीरीज़ देखने के बाद आपमें से बहुतों ने हर्सिल में हमारे कैम्पिंग स्पॉट के बारे में पूछा था। तो आज हम आपको बताते हैं इस सीक्रेट कैंपिंग स्पॉट का पता।

सबसे पहले हर्सिल पहुंचिए

Hrasil is around 80 km from Uttarkashi
उत्तरकाशी से हर्सिल के रस्ते!

उत्तरकाशी पहुंच के आप हर्सिल के लिए टैक्सी या बस ले लीजिए। प्राइवेट पब्लिक दोनो व्यवस्थाएं हैं। जो आपके हिसाब से सूटेबल हो, वो आप चुन लें। उत्तरकाशी हर्सिल से 80 किलोमीटर दूर है, लगभग 3 घंटे का रास्ता है।

हर्सिल पहुँच कर सबसे पहले खाने पीने की चीज़ें स्टॉक कर लें।

हर्सिल एक कैंट एरिया है। बहुत ही मज़ेदार तालमेल के साथ आर्मी और लोकल लोग इधर कई सालों से रह रहे हैं। कैंट एरिया और बॉर्डर के पास होने से हर्सिल आने पर पहले कुछ पाबंदियां थीं और नॉन इंडियन्स के लिए आज भी इधर रेस्ट्रिक्शन्स हैं पर इसके बारे में जानकारी किसी ओर ब्लॉग में। हर्सिल में घुसते ही आपको एक छोटा सा मार्किट मिलेगा। खाने पीने की बेसिक चीज़ें आप अपने हिसाब से यहां खरीद सकते हैं – अगर आप खुद पका कर खाना चाहते हैं तब। नहीं तो, ढाबे हैं – आपके तीन टाइम के खाने का हिसाब सेट हो सकता है। क्योंकि हमारे लिए कैंपिंग का मतलब अपना खाना पकाने से है, इसलिए बेसिक बर्तन और मसाले हम साथ लेकर ही चलते हैं। सब्ज़ी, चिकन, अंडे वगैरह हम लिकल मार्केट्स या दुकानों से खरीद लेते हैं।

अब पहुंचिए अड्डे पर – जालंधरी खड के किनारे, बागोरी के बॉर्डर पर।

बागोरी की तरफ़ जाने वाला पुल

मार्केट से आगे बढ़ने पर, बागोरी गांव की तरफ़ आपको एक पुल दिखेगा। उस पुल को क्रॉस करिए और जिधर से जालंधरी खड आ रही है, उस तरफ़ यानी राइट साइड हो लीजिए। आपके बाईं ओर जालंधरी खड होगी और अगर आप किनारे किनारे चलते जाएं तो आप पहुँचेंगे चिर के पेड़ और बुद्दिस्ट्स फ्लैग्स से पटे जमीन के एक छोटे से टुकड़े पर। बेहद समतल, नदी के पास जहां बर्तन वगैरह धोने और नहाने के लिए पत्थरों ने एक बढ़िया कोना सेट किया हुआ है। आप जाएंगे तो आपको हमारा बनाया हुआ चूल्हा भी मिल जाएगा। 😌

और ये रही हमारी कैम्प साइट!

बस, यही है अपना सीक्रेट अड्डा – बागोरी की ओर जाने वाले मेन रोड से राइट होकर कुछ 300 मीटर दूर। कैम्प सेट करिए, आग के लिए बेहिसाब लकड़ी, और नहाने धोने के लिए बढ़िया साफ पानी – कैम्प करने के लिए और क्या चाहिए? अगर आपको कुछ ‘और’ पूछना या जानना है, तो कमेंट्स में पूछ लीजिए।

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